Friday 21 November 2008

dard kya hai?

dard kya hai?

क्या कभी तुमने ये महसूस किया है
की दर्द क्या है? 

मेरे घर एक पास 
एक औरत रहती है
उसके 2 बच्चे हैं
उसका एक पति भी है
किसी तरह वक़्त से
कुछ रोटियाँ माँग कर
सूरज के चूल्‍हे में सेंक़ती है
और बादल को तोड़ कर 
पेट भर लेते हैं
कभी उनकी आँखों में
देखा है की
वो कल क्या खाएँगे??? 
उन्हे ना प्रेम चाहिए
ना ही आज़ादी और ना ही चाँद
ज़िंदगी को तरसती
कभी देखा है उनकी आँखों में दर्द? 

मेरी ही गली में 
एक कुत्ता भी रहता है
किसी ने उसके गर्व को
काट कर पूछ-कटवा बना दिया है
जब लोग कूड़े पे
खाना फेंकते हैं
तो सारे कुत्ते उसे
भोंक भोंक कर
भगा देते हैं
और वो अपने मासूम आँखों से
इंतेजार करता है
जब सब खा चुके होते है
तो अंत में वो गिरे हुए
कुछ चावल के दाने
और सुखी पत्तल/काग़ज़ को
नोच नोच कर कुछ चूस लेता है
और एक बार आकाश में
अपनी छीपी भूख को उड़ा कर
फिर से किनारे बैठ जाता है
पता नहीं कितने दीनो से
वो कुत्ता बनना भूल गया है
कभी देखा है उसकी आँखों का दर्द? 

कुछ महीने पहले
जब मैं अस्पताल में
भर्ती हुआ था
मेरे ही वॉर्ड में
एक औरत भी थी
जिसके 3 बेटे थे
और एक पति भी
चेहरे से वो
कोई देवी लगती थी
लेकिन वक़्त ने शायद
उसके चेहरे पे काली रेखायें बना दी थी
जो उसके आँसुओं से मिलने पर
एक दर्द की पहेली बना देते थे
एक दिन मेरे ही सामने वो मर गयी
सिर्फ़ एक ही ग़लती थी उसकी
उसके पास पैसे नहीं थे
शायद उतना जितना हम
फोन बिल, सिगरेट और सोडा 
में उड़ा देते हैं
अब कैसे जियेंगे वो बच्‍चे
बिना माँ के
वो उस घर का केंद्र-बिंदु थी
कहते हैं की सिर्फ़ स्त्री है
जो घर को बाँध कर रखती है
कभी उनके बिलखते बच्चों की आँखों में
देख है दर्द? 

क्या तुमने वाकाई में महसूस किया है
की दर्द क्या है?

1 comment:

Anonymous said...

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